तलाक लेने और रोकने के उपाय

विवाह एक पवित्र बंधन है| भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार यह बंधन जन्म-जन्मांतर का होता है| परंतु कई दंपत्तियों के मामले में देखा जाता है कि वे इस संबंध को निभा ही नहीं पाते और बात तलाक तक पहुँच जाती है| तलाक क्यों होता है, इस विषय पर समाजशास्त्रीय विमर्श के साथ-साथ ज्योतिषीय विवेचना भी आवश्यक है ताकि, इसके कारणों की जांच करते हुए समस्या के मूल भाव को समझा जा सके| किसी भी समस्या के निदान में विज्ञान के साथ-साथ भारतीय आध्यात्मिक शास्त्रों में भी कार्य-कारण सिद्धांत को महत्वपूर्ण माना जाता है|

तलाक लेने/रोकने के उपाय

इस दृष्टि से सर्वप्रथम ग्रह-नक्षत्रों के योग की पड़ताल आवश्यक है| कई बार, ग्रह दशा ऐसी स्थिति निर्मित कर देती है, कि आदर्श दंपत्तियों के जीवन में भी भूचाल आ जाता है| संक्षेप में निम्नलिखित योग में तलाक की स्थिति उत्पन्न होती है –

तलाक के योग- तलाक के ज्योतिषीय कारण

पति-पत्नी दोनों अथवा दोनों में से किसी एक की जन्म कुंडली में निम्नलिखित योग हों तो तलाक की स्थिति उत्पन्न होती है –

  • यदि जन्म कुंडली के छठे भाव में चौथे भाव में बैठा हो, या चौथे भाव का स्वामी छठे भाव में बैठा हो|
  • सप्तमेश और शुक्र पर शनि, सूर्य तथा राहु का प्रभाव हो, या इन ग्रहों का सातवें आठवें भावों पर एक साथ प्रभाव हो |
  • कुंडली का चौथा भाव पीड़ित हो तथा शुक्र से छठे, आठवें और बारहवें भाव में क्रूर ग्रह स्थित हो|
  • यदि कुंडली में शुक्र ग्रह, मूल, आर्दा, ज्येष्ठा अथवा कृत्तिका नक्षत्र में स्थित हो|
  • यदि सातवें अथवा बारहवें भाव में सप्तमेश की युति द्वादशेश के साथ हो रही हो|
  • सप्तमेश और द्वादशेश परस्पर राशि परिवर्तन कर रहे हों तथा दोनों में से किसी एक की युति राहु के साथ हो रही हो|
  • जन्म कुंडली के दसवें भाव में सप्तमेश और द्वादशेश राहु-केतु के साथ विराजित हों|
  • यदि षष्ठेश क्रूर ग्रह हो तथा वह दूसरे, चौथे, सातवें तथा बारहवें भाव में स्थित हो|
  • यदि षष्ठेश वक्री हो तो, तलाक का मुकदमा लंबे समय तक चलता है|
  • यदि एकल शनि पंचम भाव में तथा एकल राहु सप्तम भाव में उपस्थित हो|
  • पति अथवा पत्नी किसी की जन्म कुंडली में यदि मंगल नीच में हो और उस पर क्रूर ग्रहों की दृष्टि भी पड़ रही हो|

तलाक रोकने के उपाय तथा टोटके

यदि समस्या है तो समाधान भी कहीं-न कहीं होता ही है| इसलिए सर्वप्रथम कारण को जाने तथा तदनुरूप उपचार करें| यदि समस्या ग्रह दोष के कारण है तो सर्वप्रथम ग्रह शांति करवाएँ, उसके बाद ही किसी टोटके का सहारा लें| विश्वास तथा दृढ़ निश्चय से किया गया समुचित उपाय व्यर्थ नहीं जाता| तलाक से बचने अथवा उसे रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर सिद्ध होते हैं –

  • सावन के महीने में किसी विद्वान पंडित से निरंतर ग्यारह दिनों तक किसी शिव रुद्राष्टध्यायी’यज्ञ करवाएँ, इसे महारुद्री यज्ञ भी कहा जाता है|
  • अपने घर की उत्तरी दीवार पर हनुमान जी की वीर भंगिमा युक्त चित्र लगाएँ|
  • कुंडली की जांच करवाएँ, यदि राहु के उपद्रव के कारण तलाक की स्थिति बन रही हो दक्षिणमुखी हनुमान जी की सात बार उल्टी परिक्रमा करें|
  • किसी भी दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर से सिंदूर लेकर अपने जीवनसाथी के चित्र पर लगाएँ|
  • यदि आसन्न तलाक के पीछे कारण तत्व शनि हो तो निरंतर सात शनिवार हनुमान जी को गुड़ का प्रसाद चढ़ाकर किसी काली गाय को खिला दें|
  • यदि सूर्य के कारण तलाक जैसी स्थिति बन रही हो, तो सात रविवार पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में गुड़ की रोटी तथा टमाटर के साग का प्रसाद चढ़ाने के बाद किसी बूढ़े दंपत्ति को खिला दें|
  • यदि मंगल के कारण तलाक जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही हो, तो तांबे के लोटे में गेहूं भरें तथा उस पर रक्त चन्दन लगाकर सात मंगलवार लोटा सहित हनुमान मंदिर में अर्पित करें|
  • सात रविवार तक निरंतर सात लौंग, सात सुपारी, सात नींबू, सात सीता फल, सात जायफल, सात मेलफल तथा साथ तांबे के तिकोने टुकड़े किसी लाल कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में अर्पित करें|
  • छहमुखी, सातमुखी, आठमुखी, दसमुखी, ग्यारहमुखी, बारहमुखी तथा गौरीशंकर रुद्राक्षों का एक-एक दाना लेकर उसमे प्राण-प्रतिष्ठा करवाने के उपरांत धारण करें|
  • सात काला जामुन, सात बेर, सात नारियल, सात अमरूद, सात बादाम, सात जैतून,, तथा साथ काले रुद्राक्ष किसी काले कपड़े में बांधकर शनिवार के दिन शनिदेव के चरणों में अर्पित कर दें|
  • भोजपत्र पर लाल कलम से जीवनसाथी का नाम लिखेँ, तत्पश्चात हनुमान मंत्र का 21 बार जाप करें और भोजपत्र को घर के किसी कोने में छुपाकर रख दें| अब नियमित रूप से मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर तथा चोला चढ़ाएँ| इस आराधना से तलाक का योग स्वयमेव समाप्त हो जाएगा तथा घर में सुख-शांति बनी रहेगी\
  • घर में शिवलिंग स्थापित करें तथा विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा करवाने के उपरांत नित्य 41 दिनों तक जल – विल्वपत्र चढ़ाएँ तथा निम्न मंत्र का जाप करें – ॐ नमः शिवः शक्तिस्वरूपायः ममः गृहे शांति कुरु कुरु स्वाहः| इस मंत्र के जाप से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होता है तथा तलाक की स्थिति समाप्त होती है|
  • तलाक रोकने के लिए तीन गोमती चक्र घर के दक्षिण दिशा में फेंक दें तथा पाँच गोमती चक्र सिंदूर की डिब्बी में रख दें| रोज पूजा करते समय पत्नी उससे अपनी मांग भर तथा पति उससे तिलक करे| यह टोटका अचूक है|
  • नित्य अर्धनारीश्वर स्तोत्र का पाठ करने से तलाक की नौबत समाप्त हो जाती है|
  • यदि मंगल के चौथे भाव में होने के कारण तलाक की स्थिति बन रही हो, तो बरगद की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएँ|

तलाक रोकने के लिए अनुष्ठान

उन्नीस हाथ लंबाई वाला एक धागा लें, अब इसमे आठ गांठ लगा दें, गंगाजल से पवित्र करने के उपरांत सभी गाँठो पर कुमकुम और केसर का तिलक करें| गांठ युक्त धागे से माला बना लें तथा उसकी पंचोपचार विधि से पूजा करें| अब आठ माला निम्न शनि मंत्र का जाप करें –

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

जाप के उपरांत गांठयुक्त माला लेकर प्रत्येक गांठ पर ग्यारह-ग्यारह बार उक्त शनि मंत्र का जाप करें| इस अनुष्ठान से समस्त वैवाहिक समास्याओं से मुक्ति मिलती है|

कोई तो अपने पति या पत्नी से परेशां होकर तलाक लेना चाहते है और कोई इससे बचना चाहते है | यदि आप भी इस समस्या से परेशान है तो हमसे संपर्क करे और ज्योतिष समाधान से हर समश्या का समाधान पाए |