घोर रूपिणी वशीकरण साधना बहुत ही प्रभावशाली होती है इस साधना से अपने शत्रु को वश में करना रुठी हुई पत्नी या पति को वश में करना और अपनी हर इच्छा की पूर्ति करना आदि शामिल है या साधना बहुत ही प्रभावशाली तरह से कार्य करती है तथा इस साधना को करने वाले व्यक्ति किस संपूर्ण इच्छा पूर्ण हो जाती है तथा यह साधना कभी विफल नहीं होती।
घोर रूपिणी वशीकरण प्रयोग
यह वशीकरण साधना आपको किसी अमावस्या की रात्रि में या ग्रहण काल की रात्रि में करनी चाहिए दीपावली का दिन इसके लिए उपयुक्त माना जाता है इस साधना में आपको शुद्ध होकर स्नान कर आसन लगाकर 7 दिन लगातार जप करना होगा और 11000 मंत्रों का जप करते हुए इन मंत्रों को अभिमंत्रित करना होगा अभिमंत्रित मंत्रों के प्रयोग से किसी भी मिठाई या खाद पदार्थ को सात बार अभिमंत्रित कर जिस का भी नाम ले कर खा लिया जाता है वह व्यक्ति वशीकरण के प्रभाव में आ जाता है और सम्मोहित हो जाता है तथा अनुकूल होकर आप का कार्य करने लगता है।
घोर रूपिणी वशीकरण विधि-
किसी अमावस्या के दिन या किसी दीपावली के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर ऊन का एक आसन बिछा कर उस पर दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर बैठ जाए या साधना रात्रि मे की जाती है इसके लिए आप अपने समाचार बजट पर एक लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक नारियल तिल की ढेरी पर स्थापित करें और नारियल की पूजन विधिपूर्वक करें उस पर सिंदूर का तिलक लगाएं धूप करें और घोर रूपाणि को स्मरण करते हुए साधना करें सर्वप्रथम गणेश जी की स्तुति करते हुए अपने गुरु मंत्रों के द्वारा जप करे और हकीक की माला से या रुद्राक्ष की माला से मंत्रों का जाप करें मंत्र जाप के पश्चात मिठाई का भोग लगाएं और उस नारियल को किसी शिव मंदिर में या काली मंदिर में कुछ दक्षिणा के साथ दान कर दें आपकी संपूर्ण इच्छाएं पूर्ण होगी और प्रसाद को अमुक व्यक्ति का नाम लेते हुए खा लें वह व्यक्ति स्वयं ही सम्मोहित हो जाएगा और आपके कार्यों की पूर्ति करने लगेगा
मंत्र- ॐ नमः कट विकटी घोर रूपिणीनः स्वाहः
मोहनी जाल वशीकरण साधना-
इस वशीकरण में साबर मंत्र के साथ साधना की जाती है इसका प्रयोग कभी विफल नहीं होता इसके प्रयोग से आप किसी उच्च अधिकारी तक को अपने अनुकूल बना सकते हैं वही अपने आसपास के वातावरण को अपने विरोधी होने से रोक सकते हैं झगड़ालू पत्नी या पति को भी अपने वश में करें उसको अनुकूल बना सकते हैं या एक बहुत ही शक्तिशाली वशीकरण है इसमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है
साधना विधि –
किसी अमावस्या के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर लाल वस्त्र धारण कर उस रात्रि में उत्तर दिशा पर कुशा का आसन बिछाकर यह साधना की जाती है यह साधना 21 दिनों तक की जाती है इस समय साधक को अपना स्थान छोड़कर नहीं जाना चाहिए यही अपने समक्ष एक बजट स्थापित कर उस पर लाल कपड़ा बिछाकर सोलह सिंगार की वस्तुए चढ़ाएं तथा सात किस्म की मिठाई एक मीठा पान छोटी इलायची एक शीशी इत्र अपने समक्ष रखे तथा तेल का दीपक साधना स्थान पर लगातार चलता रहना चाहिए और इस दीपक में तिल के तेल का उपयोग प्रमुख माना जाता है तथा पांच माला मंत्रों का जाप करना चाहिए इसके लिए लाल चंदन या कुमकुम की या हकीक की माला उपयुक्त मानी जाती है साधना समाप्त होने के बाद छोटी इलायची इत्र अपने पास रख लें और शेष सामग्री को किसी लाल वस्त्र में बांधकर एकांत स्थान पर गाड़ दें या किसी नदी की जल धारा में प्रवाहित कर दें दीपक से उपस्थित काजल को इकट्ठा कर ले यह एक प्रबल वशीकरण कारक होता है इस काजल को शुद्ध गाय के देसी घी में मिलाकर यदि कोई व्यक्ति लगाता है तो उसे देखने वाला हर व्यक्ति सम्मोहित हो जाता है इसी प्रकार वशीकरण के लिए इलायची का प्रयोग होता है एक इलायची लेकर 9 बार मंत्र पढ़ इस इलायची को जिस भी व्यक्ति को खिला दिया जाता है वह वशीकरण के प्रभाव में आ जाता है अर्थात तो मोहित हो जाता है यदि आप किसी उच्च अधिकारी से मिलने जा रहे हैं और आप का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है तो इस इत्र का प्रयोग करें इस इत्र के प्रयोग से वह अधिकारी आपके प्रति समोहित हो जाएगा और आपका कार्य सर्वप्रथम करेगा ।
सावधानिया-
इस साधना को करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की किसी भी समय मोहनी आपके समझ किसी भयानक रूप में आ सकती है वह काले वस्त्र धारण किए काले रंग की होती है और उसके होंठों पर ढेर सारी सुर्खी लगी होती है तथा आंखें बिजली की भांति चमक रही होती है ऐसी हालत में आपको बिना डर के सावधानी से कार्य लेना चाहिए तथा मोहिनी की आंखों की तरफ नहीं देखना चाहिए ऐसा करने से आपकी साधना भंग हो सकती है तथा वह आपको सम्मोहित कर सकती है इस समय आपको धैर्य से काम लेना होगा यहां तक की यदि वह बोले कि कोई वर मांगो तो उसकी बातों पर ध्यान ना देकर अपनी साधना एकाग्रता से करनी चाहिए जब साधना संपन्न होने वाली हो तब उससे आप वचन लें कि मैं जिस भी व्यक्ति को चाहूं सम्मोहित कर सकूं ऐसी शक्ति प्रदान कर साथ में उसको सिंगार की वस्तुएं मीठा पान मिठाई देकर खुश करें और जब मोहोनी खुश हो जाएगी तो तब वाह आपकी हर इच्छा को पूर्ण करेगी पर यह ध्यान रखें कि भूल कर भी इसका प्रयोग स्वयं हित या द्वेष की भावना से नहीं करना चाहिए ऐसा करने से अनर्थ हो सकता है
साबर मंत्र –
मोहिनी मोहिनी मैं करः मोहिनी मेरा नाम्
राजाह् मोहः प्रजाह् मोहा मोहा शहर एवं ग्रामः
त्रिंजनः बैठी नार मोहः चोंके बैठी को मोहः
स्तर बहतऱ जिस गली मैं जावा सौ मित्र सौ वैरी कौ
वाजे मन्त्र फुरे वाचाह
देखः महा मोहिनी तेरे इल्म का तमाशा