मिठाई एक ऐसी चीज़ है जो हर मौके पर काम आती है| ख़ुशी जाहिर करने का इससे बढ़िया तरीका हो नहीं सकता| किसी शुभ काम की शुरुआत करनी हो तो वह मिठाई से की जा सकती है| किसी को बधाई देना देना हो तो मिठाई का डब्बा पकड़ा दीजिये, कोई शुभ सूचना देनी हो तो परिजनों को मिठाई खिला दीजिये| यहाँ तक कि गमी में भी भोज के दौरान दरिद्र नारायण और ब्राम्हणों को जिमाने के लिए घर पर हलवाई को बुलाना ही पड़ता है| यानी कोई भी मौक़ा हो हम कह बैठते हैं ‘कुछ मीठा हो जाए| इस मिठाई से एक और काम हो सकता है, वह है किसी को वश में करना| यूं तो वह कोई भी हो आप मिठाई खिलाएंगे तो वह मुस्कुराकर ही देखेगा लेकिन असर थोड़ी देर में चला जाता है| लेकिन अगर उसे विधि सम्मत तरीके से अभिमंत्रित कर दिया जाए तो वह उम्र भर आपसे बंधा रह सकता है|
मिठाई खिलाकर किसी को भी वश में करे – मिठाई वशीकरण मंत्र/टोटके
वशीकरण के लिए मिठाई इसलिए उपयोग किया जाता है ताकि इसे किसी को देना सरल होता है| किसी बहाने से खिलाया जा सकता है| हर किसी को दाल चावल या सब्जी रोटी नहीं खिला सकते न यह अभिमंत्रित करने में सहज है| सबसे पहले जिसे वश में करना चाहते हैं उसके पसंद की कोई मिठाई ले आए| इसमें ध्यान रखने की बात यह है कि मिठाई ऐसी गाय की दूध का हो जो अपने बछड़े को दूध पिला रही हो| अब अनुष्ठान के लिए शुक्रवार की मध्य रात्रि एकांत कक्ष को पवित्र कर लें| लाल आसन बिछाएं| किसी छोटी चौकी पर कामाख्या देवी की प्रतिमा अथवा चित्र लगाएं| गंगाजल सिक्त कर आस पास का वातावरण पवित्र करें| पूजा स्थान पर जिसका वशीकरण करना हो उसकी तस्वीर भी रखें| अब देवी कि पंचोपचार विधि से पूजा करें| पूजन संपन्न करने के बाद हाथ में जल लेकर 21 हजार मंत्र जाप का संकल्प लें| संकल्प हेतु अपना नाम गोत्र वशीकरण का उद्देश्य आदि स्पष्ट उच्चारित करें| इसके बाद स्फटिक की माला पर निम्नलिखित शाबर मंत्र का जाप करें –
ओम नमो आदेश कामाख्या देवी को!
जल मोहूँ/थल मोहूँ/ वन की हिरनी मोहूँ
बात चलत बटोही मोहूँ/सिंहासन बैठा राजा मोहूँ
नाम मेरो मोहिनी/ मोहूँ सकल संसार
तरीला तारा तोतला/ बिराजै तीनों कपार
सर चढ़े दुश्मन को करू पामाल
दुहाई माता मोहिनी की/ शब्द साँचा पिंड कांचा
फुरौ मंत्र इश्वरी वाचा|
21 हजार जाप सवा महीने में पूर्ण कर लें| प्रतिदिन पूजा के बाद जिसका वशीकरण करना हो उसे प्रसाद अवश्य खिलाएं| सवा महीने पूर्ण होते होते वह आपके वश में आ जाएगा| फिर भी आपको कुछ संशय हो तो सवा महीने के बाद ताज़ी मिठाई खरीदकर हाथ में एक टुकडा रखें, सात बार मंत्र का जाप करें फिर उस प्रिय पात्र को खिला दें| वह वशीभूत हो जाएगा| यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि यदि वशीकरण का उद्देश्य प्रेम हो तो अनुष्ठान हेतु शुक्रवार का दिन चुनें यदि किसी शत्रु का शमन करना हो तो शनिवार का दिन चुने| शत्रु को अभिमंत्रित करने के एक घंटे के भीतर मिठाई खिला दें| वह शांत हो जाएगा| आपके खिलाफ षड़यंत्र रचना बंद कर देगा|
चॉकलेट से वशीकरण करे प्रेम पाए
यह हैरान करने वाली बात हो सकती है, आज तक लौंग, काली मिर्च, तस्वीर आदि की सहायता से वशीकरण की बात कही सुनी जाती रही है| दरअसल प्रक्रिया वही है सामग्री बदल गई है| सामग्री भी ऐसी जिसे हर कोई पसंद करता है| आज ऐसा कौन होगा जिसे एक टुकडा चाकलेट खाना पसंद नहीं होगा| लेकिन इसमें भी ध्यान रखा गया है कि चाकलेट काजू या बादाम वाली हो| बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं| प्रयोग के लिए किसी शुक्रवार की आधी रात को एकांत कक्ष में बैठें हाथ में चाकलेट पकड़कर निम्नलिखित मंत्र का जाप 51 बार करें –
ओम प्रिकालनी धर्तूम दृष्टि अन्न नाग आगमम सिंच्यानी
इस मंत्र का जाप 51 बार करने के बाद 5 बार फूंक मारे| इसके बाद चाकलेट को दीप फ्रीज़र में रख दें ताकि वह पिघल न जाए| अगले दिन स्नान के बाद उस चाकलेट को हाथ में लेकर पुनः 11 बार उक्त मात्र का जाप करें और उस व्यक्ति को खिला दें| वह हमेशा के लिए आपके वश में हो जाएगा| जीवन चाकलेट के सामान मधुर हो जाएगा| प्रिय को वश में करने के बाद उसका मन प्रेम और सम्मान से प्रसन्न रखें| वशीकरण का असर समाप्त होने के बाद भी वह कहीं नहीं जाएगा|
जिस प्रकार किसी अस्त्र शस्त्र से मनुष्य खुद का बचाव करता है उसी प्रकार अपने जीवन में खुशियों को बचाएं रखने के लिए इन मंत्रो या टोटको का प्रयोग करें| किसी को हानि पहुंचाने के लिए ऐसा करना प्राणघातक है| यहाँ एक उदहारण रखना समीचीन है| एक स्त्री को किसी अपनी पड़ोसन से झगडा हो गया| झगड़े की वजह भी कुछ ख़ास नहीं थी| वह खुद अपनी पड़ोसन के सुखी जीवन से मन ही मन जलती भुनती रहती थी| हर दो एक दिन पर पति के साथ सज संवर का पड़ोसन का घूमने जाना देखते हुए उसके तन बदन में आग लग जाती| क्योंकि उसका पति कभी भी उस पर ध्यान नहीं देता था| उस स्त्री ने अपने पति पर वशीकरण प्रयोग करने की बजाय पड़ोसन के पति पर कर दिया| कुछ ही दिन में उसकी हंसती खिलखिलाती गृहस्थी मुरझा गई| अब उसका पति दिन भर उस स्त्री के घर बैठा रहता| अकारण बेचैन रहता| बहाने बना बनाकर मिलने आता| कुछ दिन तक उस स्त्री को लगा वह अपने पडोसी की मालकिन बन बैठी है लेकिन तगड़ा झटका उसे तब लगा जब उसके पति ने उसे तलाक का नोटिस दे दिया| वह पड़ोसी से प्रेम नहीं करती थी बस पड़ोसन को दुःख पहुंचाना चाहती थी| अंततः तलाक कोर्ट कचहरी के चक्कर में ऐसी फंसी की बिना इलाज के बच्चे तक खो बैठी| दरअसल वशीकरण हेतु उसने देवी कामख्या की विधि का सहारा लिया था| देवी देवता शैतान नहीं है जिनसे गुलामों की तरह काम कर सकें| उधर उस पड़ोसन से योग्य पण्डित को बुलाकर जान लिया कि ‘ जो कुछ भी हो रहा वह किसी का किया है| उसने यथायोग्य अनुष्ठान करवाया और अपने पति को वापस पा लिया जबकि दुष्ट स्त्री अपना पति बच्चा दोनों खो बैठी| अतः ऐसे प्रयोगों को सोच समझकर ही करें|