शराब छुड़ाने का वजीफा

शराब छुड़ाने का वजीफा

दोस्तों शराब एक ऐसा नशा है जिसने न जाने कितने घरो को बर्बाद कर दिया, इसलिए आज हम आपको शराब पीना बंद करने का वजीफा और नशे की आदत छुड़ाने की दुआ बता रहे है. हम आपको शोहर की शराब छुड़ाने का वजीफा भी बता रहे है इसलिए ध्यान से पढ़े

अँग्रेजी मेक कहावत हैं, “किसी भी चीज की अति बुरी होती हैं|”यदि किसी को शराब पीने की लत लग जाए तो यह उस व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए तो बुरा हैं ही, साथ ही यह उस व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा कोभी हानि पहुँचाती हैं|

शराब की लत एक ऐसी लत हैं जो संबन्धित व्यक्ति के साथ-साथ उसके पारिवारिक खुशियों का भी नाश कर देती हैं और धन की जो क्षति होती हैं,उसका तो कोई हिसाब-किताब ही नहीं हैं| इस्लाम में शराब को हराम माना जाता हैं|

शराब छुड़ाने का वजीफा

परंतु यदि फिर भी कोई व्यक्ति इस बुरी लत का शिकार हैं, तो कई ऐसे इस्लामिकअमल व वजीफ़ा हैं, जिनसे शराब की लत छुड़ायी जा सकती हैं| आज हम इस लेख में, शराब छुड़ाने के लिए उपयोग किए जाने वाले वजीफ़ा के बारे में जानेंगे|

  • शराब छुड़ाने के इस्लामिक उपाय के तहत एक कटोरी बरसात के पानी में 21 बूंद मस्जिद के पवित्र पानी, सात बूंद नारियल पानी और एक चुटकी कब्रिस्तान के राख को मिला कर इसे उबाल कर फिर ठंडा कर लें|
  • जुम्मे की पवित्र रात को करीब सवा 1 बजे के आस-पासअल्लाह-ताला से दुआ कर के शराब की बोतल में इस मिश्रण के कुछ बूंदें मिला दें| इस दौरान इस वजीफ़ा का पाठ 11 मर्तबा करनी चाहिए-“अलहमदु लिलाही अल्लाथे अथाबा अहानाअल्जाना इन्ना रब्बाना लगफूरुन शकूरुन आमीन|”
  • इस वजीफ़ा के द्वारा शराब की बोतल को तिलिस्म का करने के बाद उस शराबी व्यक्ति को इसे पीला दें| ध्यान रहे उस व्यक्ति को इस वजीफ़ा के बारे में कुछ जानकारी न हो, अन्यथा यह अमल अपना असर नहीं दिखा पाएगा|
  • यह वजीफ़ा शराब की लत छुड़ाने में बहुत ही असरदार सिद्ध होता हैं| इस इस्लामिक अमल को आजमाने के एक हफ्ते के भीतर ही संबन्धित व्यक्ति की शराब की लत छूट जाएगी|

शराब पीना बंद करने का वजीफा

शराब पीना इस्लाम में बहुत बड़ा गुनाह है। असली मुसलमान किसी भी तरह से इसका सेवन नहीं कर सकता।

लेकिन अगर, दुर्भाग्य से, वह इसका सेवन करता है, तब भी वह मुसलमान तब तक रहता है जब तक वह स्वीकार नहीं करता कि वह हरामका काम कर रहा हैं|

यदि वह शराब के पक्ष में तर्क देता है या इसे हलाल मानता हैं, तो वह सीमा से परे हो जाता है और तब वह एक गैर मुस्लिम बन जाता है|

इस्लाम में बहुत से ऐसे अमल का जिक्र हैं, जिसे आजमा कर हम किसी का शराब पीना बंद करवा सकते हैं| आइये जानते हैं इन जादुई वजीफों के बारे में:-

Sharab Pina Band Karne Ka Wazifa

  • शराब की लत एक ऐसी लत हैं, जो इंसान को शारीरिक, आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक सभी स्तरों पर खोखला कर देती हैं|यदि आपके परिवार में यह लत किसी को लग गयी हैं, तो आप उस व्यक्ति से रोजाना दारुदे- शरीफ का पाठ तीन बार नियमित रूप से करवाए|
  • इस बात का ध्यान रहे कि शराबी व्यक्ति अच्छे ढंग से नहा-धोकर साफ-सुथरे वज़ू बनाकर तब इस पवित्र ग्रंथ का पाठ करे|
  • रोज सुबह- शाम के नमाज के बाद ज़ोर ज़ोर से इस वजीफ़ा का पाठ करे ताकि शराबी के कान तक यह आवाज़ पहुँच सके- “या अल्लाहतूल्लेलाह वसीमकारे वादितुल्लाह या अल्लाह लिल्लाही गरीबपरवर नवाजेतुल्लाह अकबरी रहीम|”
  • इस पूरे प्रक्रिया को एक महीने तक लगातार दुहराते रहे| धीरे धीरे शराब पीने वाले व्यक्ति के मन में शराब के प्रति घृणा का भाव पैदा होने लगेगा| उसे लगने लगेगा कि वह हराम का काम कर रहा है और अल्लाह-ताला उसे दोज़ख नसीब करवाएँगे|
  • गारंटी के साथ इस बात को कहा जा सकता हैं कि वह व्यक्ति एक महिने के भीतर ही शराब पीना बंद कर देगा|

शौहर की शराब छुड़ाने का वजीफा

इस्लाम के हुदूद अध्यादेश के तहत शराब पीना बहुत बड़ा गुनाह हैं और इसकी सज़ा एक बार में 80 बार कोड़े से मारना है, जो वास्तव में बहुत गंभीर है।

वास्तव में इस्लाम में शराब पूरी तरह से निषिद्ध है और इसका अमली तब के लिए जन्नत में प्रवेश नहीं कर सकेगा, जब तक कि वह इस पाप को कम करने के लिए दु:ख नहीं करता या तौबा नहीं करता है।

यदि आपके शौहर को शराब कि लत है, तो इस्लाम में बताए हुए कुछ अमलों को आजमा कर आप अपने शौहर के शराब की लत को छुड़वा सकती हैं|

Shohar Ki Sharab Chudane Ka Wazifa

  • शौहर की शराब की लत छुड़ाने के लिए बीवियों को इस वजीफ़ा को प्रतिदिन 100 मर्तबा पढ़नी चाहिए- “बंदापरवर आदेश तू कर, मोरे रकीब! तू ही रहमत तू ही सर्वेसर्वा तू ही नैया पार लगा और मेरे शौहर के बिगड़े मन को राह पार ला मेरे खुदाया, आमीन|”
  • कुछ ही दिनों के अंदर आपकी मेहनत रंग लाएगी और इस वजीफ़ा का असर आपके शौहर पर होने लगेगा| धीरे-धीरे आपके शौहर की शराब की लत एक दम से छूट जाएंगी|
  • शौहर की शराब की लत छुड़वाने के लिए इस्लाम में एक आसान अमल भी बताया गया हैं| इस अमल के निर्देशानुसार,कहीं से जंगली कौवे के पंख मंगवा कर, एक गिलास पानी लेकर इन पंखों से उस पानी को अच्छे से हिला दें|अब “अल्लाहू अकबर वासेतुल्लाह रहीम”, इस वजीफ़ा को 21 मर्तबा पढ़ते हुए हर मर्तबा इस गिलास के पानी में फूँक मारे|
  • अब इस पानी को अपने शौहर को पीला दें|यदि शौहर इस पानी को ऐसे नहीं पीते हैं, तो उनकी शराब की बोतल में इस पानी को मिला दें|यह अमल छोटा अवश्य हैं, परंतु शराब की लत को एकदम से छुड़वा देता हैं|

नशे की आदत छुड़ाने की दुआ

इस्लाम में नशे की लत छुड़ाने के लिए कुछ दुआओं के उपाय भी बताए गए हैं, जिसका वार छिपे तौर पर होता हैं और कभी खाली नहीं जाता। इस उपाय को बीवियाँ अपने शौहरके लिए उन्हें बिना बताएकर सकती हैं या फिर घर का कोई सदस्य इस उपाय को कर सकता हैं:-

अल्लाह- ताला से शराब छुड़वाने की दुआ:-

  • सवा मीटर काला और सफ़ेद कपड़ा को एक साथ रख कर, इसमे 800 ग्राम प्रत्येक, कच्चे कोयलें, काली साबूत उड़द, जौं व काले तिल, 8 बड़ी कीलें और 8 सिक्के को डाल कर पोटली को बांध दें|
  • जिस व्यक्ति की शराब की लत छुड़वानी हों, उसकी लंबाई से आठ गुणा अधिक काला धागा लेकर इसे मस्जिद में सफाई के लिए प्रयोग की हुई झाड़ू पर लपेट कर इस पर काजल का टीका लगाकर अल्लाह –ताला से शराब पीने की आदत छुड़ाने का दुआ करें और इस वजीफ़ा को पढे- “हमारे अल्लाह, आप सभी चीजों को गले लगाते हैं, दया और ज्ञान में आप सर्वोपरि हैं| पश्चाताप करने वाले और अपने मार्ग का अनुसरण करने वाले को क्षमा करें।उन्हें नर्क की सजा के खिलाफ ढालें।”
  • अब इन सामग्रीयों को नदी में प्रवाहित कर दें। ध्यान रहे लौटते हुए पीछे मुड़कर न देखें। घर में प्रवेश करने से पहले हाथ-पैर धो लें|
  • इस अमल और दुआ के प्रभाव से कुछ ही समय में जो व्यक्ति शराब का आदि था वह अब शराब की ओर देखेगा भी नहीं|

Nashe Ki Aadat Chudane Ki Dua

किसी को कुछ सलाह देने और उन्हें कुछ भी करने की अनुमति नहीं देने के बीच अंतर है। जी हां, कुरान आपको नशीले पदार्थों से दूर रहने के लिए कहता है।

मुसलमानों का शराबी होना जो एक समय में काफ़िरों (अविश्वासियों ) की तरह पीते हैं, एक बड़ा पाप है, क्योंकि उस समय, आप ख़ुदा (अल्लाह) के साथ खेलने का फैसला करते हैं।

परंतु कुरान हमें रहम करना भी सिखाता हैं, इसी वजह से यदि हम इन मुसलमानों को इस्लाम में बताए हुए अमलों के प्रयोग से सही रास्ते पर लाते हैं, तो हम सचमुच अल्लाह के नेक बंदे हैं|