गोरोचन का तिलक, गोरोचन का उपयोग/पहचान, गोरोचन तंत्र टोटके- अगर आपने गोरोचन शब्द को पहले कभी नहीं सुना तो सबसे पहले हम आपको इसके बारे मे बताते है। ऐसा कहां गया है कि गोरोचन का इस्तेमाल पूजा-पाठ मे किया जाता है और ये हमे मर चुकी गाय के शरीर से मिलता है। ये मरी गाय के मस्तक मे एक खास जगह मिलता है, जोकि गोल,चपटे,तिकोने,लम्बे या चौकोर अकार का हो सकता है। गोरोचन का रंग हल्का सा लालिमा लिए हुए पीले रंग का एक सुगन्धित पदार्थ होता है। इसे देख लगता है जैसी कि ये एक मोम की तरह जमा हुआ है, जो बाद मे कंकड़ की तरह सख्त हो जाता है। सुनने मे ये काफी अजीब लगता है पर पूजा-पाठ से लेकर तंत्र-मंत्र मे इसके इस्तेमाल का एक अलग स्थान है। इसके बारे मे ये भी कहा जाता है कि ये जिस जगह भी होता है, या जिस भी व्यक्ति के पास होता है उसके पास देवी शक्ति रहती है और इसकी गंध या स्पर्श से नकारात्मक शक्ति या अन्य दोष दूर रहते है।
गोरोचन से वशीकरण
तो अब गोरोचन के इस्तेमाल के बारे मे और जानते है की कैसे इसकी मदद से आप किसिके ऊपर वशीकरण कर सकते है। किसिकों वश मे करने के लिए रवि पुष्य के दिन अगर जो व्यक्ति गोरोचन को केसर, सिंदूर व आंवले के साथ पीसकर, साधना के उपरांत मंत्रों के जप से अभिमंत्रित करके उसका का तिलक लगाता है, तो उस व्यक्ति को जो भी देखता है, वो उससे वशीभूत हो जाता है। हम आपको गोरोचन मंत्र भी बताते है, जोकि इस प्रकार है: “ॐ शांति शांतः सर्वारिष्टनाशिनिस्वाहः”। दूसरा है: “ॐ ऐं ह्रिं क्लीं नमः योगमायायः मम् वश्यः कुरु कुरु स्वाहः”।
आप गोरोचन को अपने घर में किसी पवित्र जगह रख दे और जैसे किसी देवी-देवता की रोज पूजा करते है, वैसे ही गोरोचन की रोज आराधना करें। ऐसा करने से आप गोरोचन की मदद से अपने घर के सभी वास्तु दोष को निकाल सकते है और साथ ही घर मे सुख-शांति भी बने रहेगी। यही नहीं घर मे अगर कोई सदस्य बीमार है तो रविवार या मंगलवार के दिन गुलाब जल मे थोड़ा सा गोरोचन मिलाकर उस व्यक्ति को पिलाने से ना सिर्फ उसका स्वास्थ्य सही होगा बल्कि गोरोचन के तिलक लगाने से नकारात्मक उर्जा भी दूर होती है और व्यक्ति मे सकारात्मक ऊर्जा आ जाती है।
जैसे की हम जानते है की हर इंसान को ज्यादा से ज्यादा धन कमाने की लालसा रहती है, पर मेहनत करने पर भी धन जमा नहीं हो पता। ऐसे मे अगर आप गुरु पुष्य योग में गोरोचन को अभिमंत्रित करके चांदी या फिर सोने के कवच के साथ अपने घर के किसी सुरक्शित जगह पर रख दे, या स्थापित कर उसकी रोज पूजा करे तो माँ लक्ष्मी की कृपा होती है। आपके पास धन आने लगता है। यही नहीं अगर आपको कभी लगे की आपके घर मे कोई प्रेत बाधा है तो भी गोरोचन एक कारगर उपाय बनकर सामने आता है। इसे समस्या को दूर करने के लिए आप गोरोचन से भोजपत्र के ऊपर दुर्गा सप्तशती का बीज मंत्र लिख दे। जिस व्यक्ति के ऊपर प्रेत-बाधा है यदि वो ऐसा करता है तो उसे समस्या से निजात मिल जाएगा। अगर कोई सफ़ेद अपराजिता की जड़ को गोरोचन के साथ पीसकर उसका तिलक लगाता है तो इससे भी उस व्यक्ति की वशीकरण शक्ति बढ़ती है।
अब हम आपको गोरोचन का वशीकरण मंत्र भी बताते है। मंत्र: “ॐ श्रीं श्रीयै नमः”। हर रोज पूजा करने के बाद गोरोचन की भी धूप या दीपक से से पूजा करे, फिर एक चांदी के ताबीज में भर ले। फिर इसको बंद करने के बाद इसका पंचोंपाचन तरीके से पूजन कर ले और साथ ही रुद्राक्ष की माला से 1 माला जप करके उस ताबीज को अपने हाथ पर धारण कर ले। आप रोज ही नहाने के बाद पूजा कर लेने के बाद गोरोचन का तिलक लगाए। जल्द आपको मंत्र व गोरोचन का लाभ नज़र आने लगेगा।
यही नहीं अगर आप शुद्ध गोरोचन के साथ शुद्ध सिन्दूर व शुद्ध केसर को बराबर मिलाकर एक चांदी की डिबि मे रख दे व प्रात काल सूर्योदय के समय इसी डिबि मे से निकालकर तिलक करते है तो भी आप गोरोचन के विशेष लाभ को देख पाएंगे। ध्यान रहे की तिलक लगते समय आपको ये एक मंत्र पढ़ना होता है: “ऊँ नमः सर्व लोक वशंकराय कुरु कुरु स्वाहा”।
तो उम्मीद करते है की गोरोचन शब्द के बारे मे ना सिर्फ आपको आज पता चला होगा, बल्कि ऊपर बताए इसके तमाम फ़ायदे व उपायों के साथ-साथ तंत्र व मंत्र विद्या को जानकर आप हैरान भी होंगे। गोरोचन बेशक दुर्लभ है, पर इसके असर व उपायों को जानकार हर कोई हैरान हो सकता है, साथ ही ऊपर बताए नुसके बेहद सरल है, जिनहे हर कोई करके इसका लाभ प्राप्त कर सकता है।