विष्णु और लक्ष्मी के पुत्र कामदेव हिन्दू धर्म शास्त्र में प्रेम के देवता माने जाते हैं| अत्यंत रूपवान कामदेव की पत्नी रति हैं| लौकिक जीवन में यदि कामदेव का अस्त्र सक्रिय न हो तो संभवतः सृष्टि का अंत हो जाए| काम से वशीभूत होकर ही मनुष्य अपने विपरीतलिंगी की ओर आकर्षित होता है, समागम करता है और वंश में वृद्धि करता है| यहाँ यह विचारणीय है कि इसे मात्र यौन सम्बन्ध के अर्थ में न लिया जाए क्योंकि इस धरती पर सभी जीव जंतु यौन सम्बन्ध बनाते हैं और वंश वृद्धि करते हैं, एक मात्र मनुष्य ही वह प्राणी है जो प्रेमासक्त होकर साथी के साथ समागम करता है, तदुपरांत उसके प्रति और प्रेम के प्रतिफल के रूप में जन्म लेने वाली संतान के प्रति जीवन पर्यंत दायित्व बोध करता है| बोलचाल की भाषा में ‘सेक्स की इच्छा’ को ‘कामेच्छा’ कहा जाता है, कई स्थानो पर काम-वासना युग्म शब्द के रूप में भी इस्तेमाल होता है परन्तु यह कामदेव और उनके प्रेमिल स्वरूप को सीमित कर देना हुआ| इस अर्थ में कहा जा सकता है कि एक बलात्कारी भी काम से वशीभूत होकर अपराध करता है जबकि यह ‘काम’ शब्द का अतिरेक प्रयोग है| कामासक्त व्यक्ति प्रेम से रहित नहीं हो सकता|
कामदेव स्त्री वशीकरण मंत्र साधना फॉर लव
अस्तु, कई दम्पत्ति के जीवन में सब कुछ ठीक होते हुए भी उनका शयनकक्ष अशांत रहता है, उनके बीच दैहिक सम्बन्ध कभी कभार ही स्थापित हो पाते हैं| ऐसे में साथी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए विद्वानों ने ऐसे कई वशीकरण मंत्र को सिद्ध किया जिसकी साधना से युगल का जीवन आनद से भर जाता है|
कामदेव वशीकरण मंत्र साधना
यह साधना अत्यंत प्रभावोत्पादक है| शुक्रवार के दिन ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करें, नित्य पूजा संपन्न करें| तत्पश्चात लाल रंग आसन पर बैठकर अंजुली में गंगाजल लेकर संकल्प लें – जाप संख्या (कम से कम 21 हजार) तथा प्रयास अथवा प्रेयसी का नाम, उद्देश्य आदि उचारित करते हुए संकल्प क्रिया संपन्न की जा सकती है| अब सुगन्धित अगरबत्ती जलाएं, लोबान गुगुल का धूप दें व पचरंगी मिठाई भोग लगाने के लिए रखें| अब निम्नलिखित मंत्र का जाप करें –
ओम नमो काम देवाय सहकल सहदृश सहमसह वन्हे
धुनन जनममदर्शनम उत्कंठितम
कुरु कुरु. दक्ष दक्षु धरः कुसुम बाणेनः हनः हनः स्वाहा |
एक दिन में 21 हजार मंत्र का जाप संभव नहीं है इसलिए थोडा थोड़ा बाँट लें तथा 21 दिन में या 11 दिन में संपन्न करें| 21 हजार जाप पूर्ण होते ही हवन कार्य संपन्न करें व ब्राम्हण भोजन करवाएं| इसके बाद यह मंत्र सिद्ध हो जाता है| मंत्र एक शक्ति है, एक बार में 21 हजार जाप से यह नहीं समझना चाहिए कि अब हो गया बल्कि एक माला नित्य जाप करते रहना चाहिए| जिस प्रकार किसी इलेक्ट्रोनिक वस्तु को हम चार्ज करते हैं उसी प्रकार मंत्रो को भी सिद्ध हो जाने के बाद भी निरंतर चार्ज करना पड़ता है ताकि उनकी शक्ति बनी रहे| अब जिसे वशीभूत करना है उसे इसी मंत्र से अभिमंत्रित जल अथवा कोई खाद्य पदार्थ खिला दें| कुछ ही दिन में वह आपमें रूचि लेने लगेगा| इसके पीछे एक कारण और है| कामदेव की साधना करने वाले का व्यक्तित्व अप्रतिम आभा से जगमगा उठता है| उस पर नज़रें नहीं ठहरती| विपरीत लिंगी उसे देखते ही उसके मोहपाश में बंध जाता है| ऐसे में खुद पर नियन्त्र एक महत्वपूर्ण विषय हो जाता है| कामदेव को सिद्ध किया हुआ व्यक्ति अगर लम्पट बन जाए तो उसकी शक्ति धीरे धीरे क्षीण होती चली जाएगी| कृष्ण कामदेव के अवतार माने जाते हैं, उनकी हज़ारों प्रेयसियां थीं लेकिन वह लम्पट नहीं थे बल्कि उन्हें योगीराज भी कहा जाता है| इसलिए यह सिद्ध होते ही विषय वासना पर नियंत्रण करना भी सीखना होगा और जिसके लिए यह साधना संपन्न किया उसके प्रति दायित्व वहन करने की भावना भी रखनी होगी तभी इसकी सार्थकता है|
कामदेव वशीकरण टोटके
- जिस स्त्री को अपने प्रति आकृष्ट करना चाहते हैं उसके अन्तः वस्त्र का कोई टुकडा लें, अब उस पर लाल रंग की स्याही से उसका नाम लिख दें| कुछ दिन उसे अपने अंग से सटाकर रखें फिर उसे जला दें| जलाने के बाद उसका रख जमीन में दबा दें | जब तक वह राख जमीन के अन्दर रहेगी तब तक वह स्त्री आपके वश में रहेगी|
- नित्य स्नान के बाद पूजा के उपरान्त सफ़ेद गुंजा घिस लें और तिलक लगाएं| तिलक लगाकर सबसे पहले उस स्त्री के सम्मुख जाएं जिसे आप वश में करना चाहते हैं| लगातार सात दिनों तक ऐसा करने से वह आपकी तरफ आकर्षित हो जाएगी|
- धतूरे का बीज प्याज और बिजौरे की जड़ एक साथ मिलाकर पीस लें| अब अवसर पाते ही पीसी हुई सामग्री उसे सुंघा दें जिसे आकर्षित करना चाहते हैं| वह वशीभूत हो जाएगा|
- किसी जानकार के साथ बैठकर बीजमंत्र ‘ह्रीं’ की साधना करें| यदि स्वयं ऐसा करना संभव न हो तो ऐसे किसी व्यक्ति को तलाशे जो इस बीज मंत्र का साधक हो| उससे प्रियंगु और राई अभिमंत्रित करवा लें, अब अवसर पाते ही अभिमंत्रित सामग्री प्रिय पात्र के ऊपर डाल दें| वह वशीभूत हो जाएगी|
- अपने हाथों से एक सुन्दर सी गुडिया बना लें, उसके पेट पर उस स्त्री का नाम लिखें| सवा महीने तक उसे अपने साथ लेकर सोयें व एकांत में प्रेमालाम करें| इस दौरान बार बार उसका नाम लें| सवा महीने के बाद अवसर पाते ही वह गुडिया उस स्त्री को दिखाएं| यह दिखाना अनायास होना चाहिये ज्सिमे वह देख लें, जानबूझकर दिखाने से वह आपकी नियत पर शक करेगी| इसलिए परिस्थिति निर्मित करें जिसमे वह देख ले| यह एक अचूक टोटका है| गुडिया देखते ही वह आपसे प्रेम कर बैठेगी|
- चमेली का फूल, नागकेसर, सिन्दूर, तगर और घी मिलाकर पीस लें और किसी शीशी में भरकर रख लें| अब नित्य इससे तिलक लगाकर उस स्त्री के सम्मुख जाएं वह वशीभूत हो जाएगी|
- अंत में यह अवश्य ध्यान रखें कि वशीभूत करने का अर्थ किसी को दासी बनाना या उसका यौन उत्पीडन करना नहीं है| यदि वह स्त्री वशीभूत हो जाती है तो उससे प्रेम करे व यथोचित सम्मान दें, इसके बाद किसी टोटके की जरुरत ही नहीं पड़ेगी| वह प्रेम के वश में हो जाएगी|