कपूर की टिकिया से वशीकरण

कपूर की टिकिया से वशीकरण, खास किस्म की खूशबू देने वाला कपूर कई चमत्कारी गुणों से भरा हुआ है। हिंदू धर्म के पूजापाठ में देवी-देवताओं की आरती के बारे में तो उसके बगैर सोचा ही नहीं जा सकता।

वह जितनी तेजी से प्रज्वलित हो जाता है, उतनी ही तेजी से इंसान के शरीर और वातावरण को प्रभावित कर देता है। यह कहें कि इसमंे गजब की मारक क्षमता है।

कपूर की टिकिया से वशीकरण

वायु को प्रदूषित करने वाली किटाणुओं की दुश्मन है। उड़नशील और ज्वलनशील कपूर को जलाकर ज्योति जैसी रोशनी नहीं फैलाई जा सकती, लेकिन इसके विभिन्न प्रयोग से कुछ पल में ही जीवन को सही दिशा दी जा सकती है।

इसमें न केवल व्यक्तिगत संकट और घर की बाधा को दूर किए जा सकते हैं, बल्कि इसका उपयोग वशीकरण के लिए भी किया जा सकता है। जबरदस्त असर होता है।

प्रेमालाप का वातावरण

दंपतियांे या प्रेमियों के बीच प्रेम की मधुरता को बनाए रखने में कपूर की एक टिकिया बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। प्रेमालाप के दरम्यान इसकी सुंगंध दिल-दिमाग में बैठ जाती है। निजी संबंधों का आकर्षण बना रहता है।

पति-पत्नी हों या फिर प्रेमी युगल उनके बीच का वशीकरण कायम रहता है। यह कहें कि पति-पत्नी के बीच किसी भी तरह के मनमुटाव को कपूर की बदौलत खत्म किया जा सकता है।

इसका इस्तेमाल पति या पत्नी दोनों एक-दूसरे के लिए कर सकते हैं। जैसे यदि पति को लगता है कि उसकी पत्नी उससे दूर होती जा रही है। वह बार-बार किसी गैर पुरुष की तारीफ करने लगी है।

सहवास में साथ नहीं दे पा रही है। या फिर विवाह पूर्व प्रेमी का उसकी जिंदगी में अचानक आगमन हो गया है, तो पति कपूर की टिकिए के साथ टोटका कर सकते हैं। रात को सोने से पहले पत्नी के तकिये में कपूर की दो टिकियां रख दें।

प्रातः होते ही कपूर को निकाल कर शयन कक्ष में ही जला दें। ऐसा पति को लगातार एक सप्ताह तक करें। तकिए के नीचे टिकिया रखने के बाद ईश्वर से पत्नी के साथ सुखद प्रेम संबंध बने रहने की कामना करें। इसका असर तीन-चार दिनों में दिख जाएगा।

इसी तरह से पत्नी भी सो रहे पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया के साथ दो टिकिया कपूर रख दें। अगले रोज सुबह सिंदूर को मांग में भर लें और कपूर को जला दें। वैसे दंपत्य जीवन में आई बेवजह की खटास को प्रतिदिन शयनकक्ष में कर्पूर जलाने या किसी कोने में रख देने से ही खत्म किया जा सकता है।

विवाह, बाधा और वशीकरण

अक्सर प्रेमी युगलों को विवाह को लेकर समस्या आती है। उनके बीच पैदा हुई कई बाधाओं में एक बाधा आपसी सम्मोहन या आकर्षण में कमी का भी हो सकता है। कपूर की मदद से आपसी आकर्षण को दूर किया जा सकता है।

यानी इस टोटके से खासकर प्रेमिका प्रेमी को अपने वश में बनाए रख सकती है। प्रेमी के वशीकरण के लिए उसे 36 लौंग के साथ 6 कपूर की टिकिया का प्रयोग करना होता है। इसमें हल्दी और चावल को मिलाकर मां दुर्गा को आहूति दें।

कपूर और इलायची

स्त्री या पुरुष के वशीकरण के लिए बताए गए उपायों में लौंग या इलायची को जलाने के लिए कहा जाता है। उन्हें स्वतः मचिस या आग की लौ से जलाना मुश्किल है।

वशीकरण के टोटके में एक टोटका इलायची द्वारा वशीकरण का भी है। इलायची की सुगंध को दांत के नीेचे दबाकर महसूस किया जा सकता है, जबकि कपूर की तेज गंध का अनुभव खुले में रखने और जलाने पर होता है।

वशीकरण के लिए इलायची का उपयाग बहुत ही लोकप्रिय और महत्चपूर्ण उपाय है। इसका उपयोग अपने पूर्व प्यार को वापस पाने के लिए किया जाता है। इसमें जाप किया जाने वाला मंत्र काफी शक्तिशाली होता है,

जिसकी तीब्रता तब और बढ़ जाती है जब अनुष्ठान में कपूर की टिकिया को भी शामिल कर लिया जाता है। यानी कि इलायची वशीकरण मंत्र में अपनी इच्छाओं या सपनों को पूरा किया जा सकता है।

आधी रात में किए जाने वाले इसके अनुष्ठान के लिए इलायची के 36 दानों के साथ 12 कपूर की टिकिया रखें। साफ स्थान पर खुले में बैठें, जो घर की छत या बालकनी या आंगन हो सकता है।

तीन कुछ इलायची हाथ में लें और मंत्र का जाप 21 बार बिना रुके जाप करें। अंत में मंत्र में दिए गए अमुकी मंत्र में अमुकी की जगह उस व्यक्ति का नाम लें,जिसे वश में करना है।

तीन में से दो को कपूर की एक टिकिया के साथ जला दें और एक को सुरक्षित किसी डिब्बी में रख लें। इसी तरह से हर बार तीन-तीन इलायची के साथ कुल 12 बार प्रयोग पूरे करें। पूजा की हुई इलायची को अगले रोज वशीकरण के लिए व्यक्ति के खाने के सामन में मिल दें। जाप का मंत्र है-

ऊँ नमो काला कलुवा, काली रात।

निश कि पुतली, माझी रात।

काला कलुवा, घात बाट.सोती, जो जगाय लाओ।

बैठी, जो उठाय लाओ, खड़ी जो चलाय लाओ।

मोहिनी योगिनी चल. राज की ठाऊँ

अमुकी के तन में चटपटी लगाऊं जिया ले तोड़।

दीपक और कपूर

मिट्टी के दीपक में वशीकरण के व्यक्ति का लाल स्याही से नाम लिखकर दिए गए मंत्र का 1021 बार जाप किया जाता है। अनुष्ठान की तैयारी शनिवार के दिन की जाती है।

प्रेमिका द्वारा किए जाने वाले प्रयोग में प्रेमी का नाम दीपक के अंदर की दीवार पर, और उसकी बाहरी दीवार खुद का नाम लिखना होता है। दीपक की बीचो-बीच कपूर की तीन-चार टिकिया रखनी होती है। उसके बाद इस मंत्र का जाप करना है। मंत्र है- ऊँ क्री (नाम) मैं वशमानय स्वाहा!

मंत्र जाप के बाद कपूर को जला दें। जलते कपूर की लौ को एक टक से निहारें। कपूर की अग्नि में वशीकरण किए जाने वाले व्यक्ति की एक छवि दिखेगी। यही इस प्रयोग की सफलता का प्रमाण होगा और आप समझ लें कि उस व्यक्ति का वशीकरण हो गया। कोई जरूरी नहीं है कि उसका चेहरा पहले दिन में ही दिख जाए।

इसलिए इस अनुष्ठान को कुल 21 दिनों तक लगातार करना चाहिए। यदि आपने शनिवार से शुरू किया है तो उसके बाद तीसरे शनिवार तक अवश्य करें।

बहुत संभव है आपकी मुराद एक सप्ताह में ही पूरी हो जाए और उसके बाद लगातात कपूर की लौ में उसका चेहरा दिखेगा। दीपक में कपूर की इतनी टिकिया डालें ताकि उसकी अग्निी कुछ समय तक जल सके।