एक महिला अपने पति के व्यवहार से बहुत दुखी थी| वह एक सिद्ध महात्मा के पास गई विनती करते हुए बोली कि महात्मा जी कोई ऐसा टोटका कर दो कि मेरा पति मेरे सिवा सपने में भी किसी और के बारे में न सोचे| वह मेरी हर बात माने| वह मुझसे सच्चा प्रेम करे| महात्मा जी कुछ देर गहन चिंतन मनन में लीन रहे फिर उस महिला से बोले-“बहन टोटका तो हो जाएगा लेकिन इसकी सामग्री तुम्हें लानी पड़ेगी और उसे पाना बहुत खतरनाक काम है,”| महिला बोली-“मैं अपने पति को पाने के लिए कुछ भी करुँगी, आप बताएं मुझे लाना क्या है|
लाल किताब के टोटके फॉर हस्बैंड लव
महात्मा जी ने उसे शेर का पांच बाल और एक ऐसा जंगली फूल लाने को कहा जिसे रात में ही तोड़ा जा सकता है| अब वह महिला सहम गई| जैसे-तैसे जंगली फूल तो लेकर आ गई लेकिन अब समस्या शेर का बाल लाना| महात्मा जी ने इसका उपाय भी बताया| वह महिला महात्मा जी की सलाह के अनुसार मांस का टुकडा लेकर शेर की मांद के पास रख आई| ऐसा उसे रोज करना था| एक सप्ताह गुजर जाने के बाद मांस का टुकडा रख थोड़ी देर वही खड़ी रही और शेर को आते देख पीछे मुड़ी और वापस चल पड़ी| उसका कलेजा धक धक कर रहा था| उसे लग रहा था अब शेर उसे खा ही जाएगा| कुछ दूर चलकर पत्तों की ओट से उसने देखा कि शेर मजे से मांस का टुकडा खा रहा है| कुछ दिन इसी तरह बीता शेर उसे देखता लेकिन हमला करना तो दूर गुर्राता भी नहीं| अगले चरण में वह ज्यादा देर तक रुकी, शेर के बालों को सहलाने लगी|शेर उसके साथ खेलने लगा| कुछ दिन बाद वह आराम से पांच बाल तोड़कर ले आई शेर ने उसे खरोंच तक नहीं मारी| बाल लेकर खुश खुश वह महात्मा के पास पहुंची और बोली –मैं शेर का बाल ले आई अब उपाय बताइये ताकि पति को पा सकूँ| महात्मा ने कहा –बता तो दिया, शेर जैसा हिंसक जीव तुम्हारे प्रेम के वश में होकर पालतू बन गया, पति तो इंसान है| ज़रा प्यार और हमदर्दी से पेश आओ, उसकी मुश्किलों को समझो, वह तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाएगा| अभिप्राय यह कि पति –पति के रिश्ते में अगर प्यार हो तो कोई समस्या होती ही नहीं है| अज्ञानतावश जिसे हम बहुत बड़ी समस्या मान बैठते हैं उसका समाधान दो मीठे बोल के सिवा कुछ भी नहीं|
अब सवाल यह उठता है कि अगर प्रेम होते हुए भी समझदारी में कमी की वजह से या किसी भी कारण से पति दूर चला जाए तो क्या करना चाहिए| दरअसल प्राचीन भारतीय मनीषी दैनिक जीवन की इन तमाम कठिनाइयों से परिचित थे| इन्ही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लाल किताब में कुछ उपाय बताए गए है| यद्यपि इस किताब के मूल रचयिता कौन हैं यह कोई नहीं जानता फिर भी इसे संगृहीत कर पुस्तक रूप देने का प्रयास पंजाब के रूप चंद शास्त्री ने किया था| इसके कई खण्ड हैं|
लाल किताब के टोटके फॉर हस्बैंड,
- अगर पति बिलकुल नहीं सुनता हो, पत्नी के प्रति कोई अनुराग न हो तो शुक्रवार की रात शहद की शीशी में उसकी और अपनी एक छोटी तस्वीर रख दें और बिस्तर के नीचे छुपाकर रख दें| उसके मन की कडवाहट घुल जाएगी|
- अगर किसी औरत के कारण घर में क्लेश हो रहा हो तो होलिका दहन से पहले तीन अभिमंत्रित गोमती चक्र ले लें, अब उस औरत का नाम लेकर उस पर थोड़ा सा सिन्दूर या कुमकुम लगा दें और जलती हुई होलिका की अग्नि में फेंक दें| उस औरत से पीछा हमेशा के लिए छूट जाएगा|
- ढाई सौ ग्राम मेहँदी के पाउडर का तीन पैकेट लेकर आएं| अब सभी मेहँदी का पैकेट लेकर अस्त्र शस्त्र सज्जित देवी मंदिर में जाएं| वहाँ सुहाग सामग्री के साथ तीनो पैकेट देवी को अर्पित कर दें और प्रार्थना करें| वापस लौटते समय प्रसाद स्वरुप दो पैकेट मेहँदी, कुछ फूल और मिठाई उठा लें और घर की काम वाली बाई को दे दें| अब एक पैकेट से मेहँदी निकालकर उसी से अपने हाथों पर मेहँदी रचवा लें| जैसे जैसे मेहँदी का रंग फीका होगा प्रेम का रंग गाढ़ा होता जाएगा|
- अगर अकारण ही पति का मन पत्नी से उचाट हो गया हो तो शुक्रवार के दिन कोई वस्तु उसे भेंट में दें या किसी भी तरह उनके साथ घूमने जाने का कार्यक्रम बनाएं| इसके अलावा मिटटी के एक बर्तन में सवा किलो मशरूम रखें, शुक्रवार के दिन पति पत्नी दोनों इसे सामने रखकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें| इसे रुद्राक्ष की माला पर तीन माला किया जा सकता है| जाप के बाद शाम को वह बर्तन किसी देवी मंदिर में चुपचाप रख आएं| पति पत्नी के मध्य विचरने वाली तमाम नकारात्मक तरंगो को वह मशरूम एक प्रकार से सोख लेता है और देवी उन तरंगों को सकारात्मक स्वरूप देकर वापस उन्ही के पास भेज देतीं है| इसलिए विशवास के साथ इस आयोजन को संपन्न करें|
- एक अन्य उपाय के अनुसार शुक्ल पक्ष में पान के पत्ते पर केसर और चन्दन का मिश्रण रखें| देवी दुर्गा की प्रतिमा के सम्मुख तेंतालीस दिनों तक निरंतर चंडी पाठ करें| हर दिन नया पान का पत्ता उपयोग करें| पुराने पत्ते को फेंके नहीं बल्कि जमीन में गाड़ दें| वह आपके जीवन की अशुभता को लेकर जा रहा है| यदि किसी अनजाने व्यक्ति का पैर इस पर जाए तो उसका वैवाहिक जीवन भी हमेशा के लिए नष्ट हो सकता है| इसलिए सावधानी रखें| पाठ के बाद केसर और चन्दन के मिश्रण का तिलक करें और सबसे पहले अपने पति के सामने आएं| किसी कारणवश अगर पति उपस्थित न हो तो उसके चित्र के सामने जाया सकता है| तेंतालिसवें दिन यह अनुष्ठान पूर्ण हो जाएगा| साथ ही पति का आपके प्रति रुझान भी दिखने लगेगा|